मेरे गीतों की तलाश हो .. तुम
जागी रातो का सबब हो ... तुम
हाँ मेरे हमराज़ हो .. तुम
क्यों मुझसे नाराज़ हो .. तुम
मैंने हर पल चाह बस .. तुम्हे
मैंने ख्वाबो में सजाया बस .. तुम्हे
दिल से अपना बनाया बस .. तुम्हे
क्यों इतने उदास हो .. तुम
मुझे नहीं आता कुछ समझ .. बिन तुम्हारे
ये दिन भी अँधेरे भरे .. बिन तुम्हारे
देखो हम मजबूर खड़े ... बिन तुम्हारे
मेरे सवालो का जवाब हो ..तुम
-Ravi Khurana
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