Saturday, May 13, 2017

मैं कौन हूँ? मैं कौन हूँ?

मैं कौन हूँ? मैं कौन हूँ?

मैं शायर हूँ, मैं कायर हूँ,
सत्यान्वेषी, सत्यवादी, या झूठा और liar हूँ

मैं गगन हूँ, मैं मगन हूँ,
निर्वस्त्र हूँ, में नग्न हूँ

मैं लज्जा हूँ, समाज हूँ
दुशासन हूँ, द्रौपदी हूँ, गोवेर्धन गिरिराज हूँ

मैं सृष्टि हूँ, मैं वायु हूँ,
मैं रावण और जटायु हूँ

मैं राम भी, मैं बाण भी,
अग्नि भी, परीक्षा भी, प्रमाण भी

मैं कृष्णा भी, मैं गोपी भी,
मैं पगड़ी भी, मैं टोपी भी,

मैं साधु हूँ, मैं संत भी,
अंत भी , अनन्त भी

मैं ढोंगी भी, चोर भी,
चांद भी , चकोर भी,

मैं कौन हूँ?

मैं नीच कोई विचार हूँ
हीन भावना का शिकार हुँ
मृत्यु शैया पे पड़ा हुआ जैसे कोई बीमार हुँ
अपने ही बंधनो में बंधा हुआ लाचार हूँ
चुनावों में लगने वाली सहिंता आचार हूँ
लाखों की इस दुनिया में  जैसे चंद हज़ार हूँ
Malls की दुनिया में, मैं जैसे बुध बाजार हूँ

मैं कौन हूँ?

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